चूड़ाकर्म संस्कार
सिर के बाल जब प्रथम बार उतारे जाते हैं, तब वह चूड़ाकर्म या मुण्डन संस्कार कहलाता है। जब शिशु की आयु एक वर्ष हो जाती है तब या तीन वर्ष की आयु में या पांचवें या सातवें वर्ष की आयु में बच्चे के बाल उतारे जाते हैं। इस संस्कार से बच्चे का सिर मजबूत होता है तथा बुद्धि तेज होती है। साथ ही शिशु के बालों में चिपके कीटाणु नष्ट होते हैं जिससे शिशु को स्वास्थ्य लाभ प्राप्त होता है। मान्यता है गर्भ से बाहर आने के बाद बालक के सिर पर माता-पिता के दिए बाल ही रहते हैं। इन्हें काटने से शुद्धि होती है।
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